📰 इज़राइल बनाम ईरान 2025: धमाकेदार मिसाइल युद्ध, परमाणु खतरे की दहशत!
2025 में इज़राइल और ईरान के बीच गहराते संघर्ष ने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है। मिसाइल, ड्रोन, और परमाणु साइट्स पर हमलों ने इस क्षेत्र को युद्ध के कगार पर पहुँचा दिया है। इस रिपोर्ट में जानिए हर बारीक़ी से:
🚀 ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस III: ताज़ा हमला
🔸 13 जून 2025: ईरान ने "ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस III" के तहत इज़राइल पर 350 से अधिक मिसाइलें और 100+ ड्रोन दागे।
🔸 इज़राइल की आयरन डोम प्रणाली ने 80% हमलों को रोक दिया।
🔸 24 नागरिकों की मौत, 600 से अधिक घायल, कई घर और बिल्डिंग्स नष्ट।
✈️ इज़राइल की जवाबी कार्रवाई
🔹 इज़राइल ने तुरंत जवाबी हमला करते हुए तेहरान, इस्फहान और नटांज़ जैसे शहरों पर एयर स्ट्राइक की।
🔹 परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया गया।
🔹 मोसाद ने पहले से ही मिसाइल लॉन्च साइट्स को ड्रोन से निष्क्रिय किया।
परमाणु ठिकानों पर हमला: कितना खतरा?
🔸 रिपोर्ट्स के मुताबिक, Fordow अंडरग्राउंड प्लांट को नुकसान नहीं पहुँचा, लेकिन अन्य साइट्स बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुईं।
🔸 एक्सपर्ट्स का मानना है कि परमाणु रिसाव का खतरा बना हुआ है।
⚠️ संघर्ष के पीछे की बड़ी वजहें
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ईरान का गुप्त परमाणु कार्यक्रम
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हिजबुल्ला और हामास को समर्थन
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साइबर और खुफिया युद्ध
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भू-राजनीतिक समीकरण: अमेरिका, रूस, चीन की भूमिका
वैश्विक प्रतिक्रिया: कौन किसके साथ?
🟦 अमेरिका – इज़राइल के समर्थन में, लेकिन सैन्य हस्तक्षेप से बच रहा है।
🟩 G7 – ईरान को अस्थिरता फैलाने वाला देश घोषित किया।
🟨 संयुक्त राष्ट्र – शांति वार्ता की अपील।
🟥 रूस व चीन – ईरान के पक्ष में बयान।
आम जनता पर असर
🔸 तेहरान में 3 लाख से ज़्यादा लोगों को शहर छोड़ने का आदेश।
🔸 मेडिकल, पानी, इंटरनेट, बिजली सेवाएं ठप।
🔸 इज़राइल में स्कूल-कॉलेज बंद, बम शेल्टर में जीवन।
आगे क्या?
युद्धविराम – अमेरिका और फ्रांस की कोशिशें जारी, सफलता संदिग्ध। परमाणु हमला – यदि ईरान को लगा कि अस्तित्व खतरे में है। क्षेत्रीय युद्ध – लेबनान, सीरिया, खाड़ी देश चपेट में आ सकते हैं।
आर्थिक असर – तेल कीमतों में उछाल, शेयर बाजारों में गिरावट।
निष्कर्ष
इज़राइल और ईरान का यह संघर्ष अब सिर्फ दो देशों की लड़ाई नहीं रहा। यह युद्ध वैश्विक शांति और आर्थिक स्थिरता के लिए बड़ा खतरा बन चुका है।
📌 Source: Taza Bullet